22 मार्च को हुए लॉकडाउन के बाद से देश के सभी बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं-दानदाताओं का चढ़ावा आना लगभग बंद है। ऐसे में मंदिरों को अपनी जमा पूंजी के सहारे ही संचालन करना पड़ रहा है। देश में सबसे अधिक संपत्ति वाले केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर में हर महीने करीब 3 करोड़ रुपए दान में आते थे, लेकिन लॉकडाउन में सिर्फ 25 हजार रुपए का दान आया। वैष्णो देवी मंदिर जहां ऑनलाइन दान लेने के विकल्प के बारे में साेच रहा है, वहीं साईबाबा ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास जमा एफडी को तोड़ने के अलावा अन्य विकल्प नहीं है। पेश है दान के जरिए सबसे ज्यादा आय अर्जित करने वाले मंदिरों की रिपोर्ट....
साई बाबा ट्रस्ट, शिरडी, महाराष्ट्र
एफडी तोड़ 15 करोड़ रु. सैलरी बांटी, मिले सिर्फ ढाई करोड़ रु.:
शिरडी के साईबाबा मंदिर ट्रस्ट की सालाना आय करीब 700 करोड़ रुपए है। बीते दो महीने में करीब ढाई करोड़ रुपए ऑनलाइन डोनेशन मिला है जबकि दान पेटी में इस दौरान करीब 100 करोड़ रुपए का दान नहीं आया। मंदिर के 6 हजार कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन देने के लिए एफडी तुड़वानी पड़ी। मंदिर के पास करीब 2500 करोड़ रुपए की एफडी है। लॉकडाउन खत्म होने पर दर्शनार्थियों की संख्या को एक तिहाई किया जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे।

हमेशा भक्तों से भरा रहने वाला शिरडी का साई बाबा मंदिर लॉकडाउन के दौरान खाली पड़ा है।

तिरुपति बालाजी, आंध्रप्रदेश
एफडी-जमा सोने के इस्तेमाल के बजाय नए विकल्प ढूंढेंगे:रोज सबसे ज्यादा दान पाने वाले तिरुपति के वेंकटेश्वर बालाजी देवस्थानम को हर माह करीब 200 करोड़ रु. का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले दो माह में 400 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मंदिर के करीब 22 हजार कर्मचारियों के वेतन, रख-रखाव व सुरक्षा पर 110 करोड़ रुपए महीने का खर्च आता है। समिति के अनुसार, मई का वेतन तो दे देंगे लेकिन, जून से नए स्रोत तलाशने होंगे, क्योंकि मंदिर के फिक्स डिपॉजिट व जमा सोने का इस्तेमाल परंपरा के विरुद्ध होगा।

माता वैष्णो देवी, कटरा, जम्मू
अब ऑनलाइन दान-प्रसाद के विकल्पों को आजमाना होगा:
कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में हर महीने 25-30 करोड़ रुपए दान आता है। लॉकडाउन से करीब 60 करोड़ रु. आवक घटी है। मंदिर के 3 हजार कर्मचारियों की सैलरी 13 करोड़ रुपए है। इसके अलावा रखरखाव, अन्य खर्चे भी 4-5 करोड़ रुपए हैं। श्राइनबोर्ड दो महीने से वेतन व खर्चों को जमा राशि में से दे रहा है, लेकिन अब नकदी न होने से मुश्किल आ सकती है। श्राइनबोर्ड की अन्य आवक भी घटी है, इसलिए ऑनलाइन दान-प्रसाद के विकल्प आजमाएंगे।

पद्मनाभस्वामी, तिरुवनंतपुरम, केरल
जमा रकम के ब्याज से वेतन, 6 करोड़ रुपए का नुकसान: केरल के तिरुवनंतपुरम का पद्मनाभस्वामी मंदिर देश में सबसे अधिक संपत्ति वाला मंदिर है। लाॅकडाउन से मंदिर को करीब 6 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मंदिर को महीने औसतन 2.5 से 3 करोड़ रुपए की आय होती है। मंदिर के 307 कर्मचारियों को हर महीने 1.1 करोड़ रुपए वेतन के रूप में दिए जाते हैं। पिछले महीने बैंक में जमा राशि और इस महीने डिपाॅजिट पर मिलने वाले ब्याज से वेतन बांटा गया। ऑनलाइन दान में रोजाना करीब 25 हजार रुपए ही मिल रहे हैं।
सिद्धि विनायक, मुंबई, महाराष्ट्र
ऑनलाइन दान का विकल्प होने के बावजूद आवक घटी: मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर में बीते दो महीने में दान की आवक 90% तक घटी है। मंदिर की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों व बीते सालों की बैलेंस शीट के हिसाब से मंदिर में करीब 150 कर्मचारी हैं, उनका वेतन व रख-रखाव सहित करीब 6-7 करोड़ रुपए का मासिक खर्च है। मंदिर की सालाना आय 410 करोड़ रुपए के करीब है। इस हिसाब से औसतन 21-22 लाख श्रद्धालु मंदिर नहीं आए और मंदिर को करीब 60-65 करोड़ रुपए का दान नहीं मिल सका।



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Padmanabh Temple, which got Rs 3 crore every month, is now earning only 25 thousand rupees, after tearing the Sai Trust FD and distributing salary