महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में मजदूर पैदल, साइकिल, ट्रक या जो कुछ मिला उसी से घर वापसी के लिए निकल पड़े हैं। ऐसे ही सातारा की फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर साइकिल लेकर 1,200 किमी के सफर पर निकले हैं। ये मध्यप्रदेश के रीवा जिले के पांडेन बरौली गांव जा रहे हैं। लॉकडाउन से कंपनी बंद हुई और फिर पगार। पैसे-सामान सब खत्म हो गया। संकट बढ़ा, तो गांव लौटने का फैसला किया।

ट्रेन होती तो 350 रुपए में घर पहुंच जाते

मजदूरों में से एक शिवकुमार ने बताया, “350 रुपए में रेलवे से गांव तक पहुंच जाते हैं।लेकिन अब प्रत्येक ने साढ़े तीन हजार रुपए खर्च किए हैं। प्रशासन ने कोई मदद नहीं की, तब टेम्पो में जाने की कोशिश की। गाड़ीवालों ने एक से डेढ़ लाख रुपए मांगे। ऐसे में साइकिल दुकानदार से गुजारिश की।तो उसने तीन हजार की साइकिल छह हजार रुपए में बेची। इसके लिए परिवार से पैसे मंगाए और सफर शुरू किया। जेब में पैसे नहीं है। किसी ने खिला दिया तो ठीक, वरना ऐसे ही चल पड़ते हैं। अब गांव में ही खेती-किसानी करेंगे, कहीं नहीं जाएंगे।”



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तीन हजार की साइकिल छह हजार में खरीदने के रुपए नहीं थे तो घर से पैसों का इंतजाम किया।